Mahant Balaknath Biography in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आज महंत बालकनाथ के जीवन परिचय (Mahant Balaknath Biography) के बारे में बात करेंगे और उनके बारे में बहुत सी जानकारियां जैसे उनका प्रारंभिक जीवन, जीवनी, शिक्षा, उम्र, परिवार, शादी, पत्नी, बच्चे, संपत्ति और इनके राजनीतिक करियर के बारे में जानेंगे।

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महंत बालकनाथ का जीवन परिचय (Mahant Balaknath Biography in Hindi)

दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता हैं कि भारत देश सनातन संस्कृति का देश रहा है और हमारे यहाँ बड़े बड़े ऋषि-मुनि और साधु-सन्त हुए है। भारत में साधु संतों को बहुत आदर और सम्मान के साथ देखा जाता है क्योंकि वो हमेशा से जनता का भला एवं परोपकार करते आये है। वर्तमान परिद्रश्य में साधु संतों में भी एक बड़ा सामाजिक बदलाव देखने को मिला है और समय-समय पर कई साधु-संतों ने भारत की राजनीति का रुख किया है। इन साधु सन्तों ने राजनीती में सफलता भी हासिल की है। अगर बात करें तो वर्तमान में योगी आदित्यनाथ, साध्वी निरंजन ज्योति, साक्षी महाराज और उमा भारती जैसे महंत और साधु-सन्त हैं जिन्होंने राजनीति में एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है।

ऐसे ही एक साधु सन्त है जिनका नाम राजस्थान की वर्तमान राजनीति में बहुत तेजी से उभरा है और वह नाम है महंत बालक नाथ योगी (Mahant Balaknath Yogi) का। जो अभी तक राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद थे, लेकिन हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में तिजारा सीट से विधायक के रूप में भारी मतों से जीत कर आये है। विधानसभा चुनावों बीजेपी की राज्य में बंपर जीत के बाद बाबा बालकनाथ को जनता राजस्थान वाले योगी आदित्यनाथ कह कर बुला रही है और उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की देशव्यापी मांग की जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बाबा बालकनाथ की छवि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से बहुत हद तक मिलती जुलती है। जैसे कि बाबा बालकनाथ भी आदित्यनाथ की तरह ही एक योगी है एवं नाथ संप्रदाय के संत है। दोनों ही भाजपा के कट्टर हिंदुत्व छवि वाले नेताओं की श्रेणी में आते है और दोनों एक ही जैसे ही भगवा रंग के वस्त्र धारण करते है।

महंत बालकनाथ का संक्षिप्त जीवन परिचय (Mahant Balaknath Biography in Hindi)

नाम (Name) महंत बालकनाथ योगी
जन्म (Date Of Birth) 16 अप्रैल 1984
जन्म स्थान (Birth Place) मोहराणा गांव (अलवर) राजस्थान
माता (Mother Name) उर्मिला देवी
पिता (Father Name) सुभाष यादव
बचपन का नाम (Childhood Name) गुरमुख
धर्म (Religion) हिंदू (अहीर/यादव )
लंबाई (Height) (लगभग) 5 फीट 5 इंच
शैक्षिक योग्यता (Education) 12वीं
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) अविवाहित
पेशा (Profession) राजनीतिज्ञ और आध्यात्मिक गुरु
राजनीतिक दल (Political Party) भारतीय जनता पार्टी
कुल संपत्ति (Net Worth) ₹10 लाख +

महंत बालकनाथ का प्रारंभिक जीवन (Mahant Balaknath’s Childhood)

बाबा बालकनाथ का जन्म अलवर (राजस्थान) जिले में बहरोड़ के मोहराणा गांव में 16 अप्रैल 1984 को हिन्दू यादव परिवार में हुआ था। उनके पिता सुभाष यादव एक सामान्य किसान थे, जबकि माता उर्मिला देवी एक गृहिणी थीं। उनके परिवार में उनके दादाजी फूलचंद यादव और दादी मां संतरो देवी है और साथ ही उनके दो चाचाजी हैं जो कि दोनों डॉक्टर हैं। बालकनाथ का परिवार कृषि से जुड़ा था लेकिन झुकाव अध्यात्म की ओर होने से हमेशा से ही धार्मिक कार्यों में लगा रहता था और उनकी साधु-संतों के प्रति बहुत आस्था रही है। यही कारण था कि माता-पिता की इकलौती संतान होने के बावजूद भी फिर भी बालकनाथ को उनके माता पिता ने 6 साल की छोटी सी उम्र में ही अध्यात्म की पढ़ाई के लिए महंत खेतानाथ के पास मत्स्येंद्र महाराज के आश्रम भेजा दिया था। बाबा खेतानाथ ने बालकनाथ को बचपन में गुरमुख नाम दिया था। इसी आश्रम में उन्होंने अपना बचपन व्यतीत किया और यही रह कर ही उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की थी।

महंत बालकनाथ का सन्यासी सफर (Mahant Balaknath’s ascetic Journey)

मत्स्येंद्र महाराज के आश्रम में गुरु से शिक्षा दीक्षा लेने के बाद बालक गुरमुख को अलवर के पूर्व सांसद महंत चांदनाथ योगी के साथ हनुमानगढ़ जिले के नाथावली थेरी गांव में एक मठ में भेज दिया गया। जहाँ पर उन्होंने पर काफी लंबे समय तक उन्होंने अपना जीवन व्यतीत किया। यहां पर उनकी बच्चों जैसी चंचल प्रवृत्तियों को देखकर महंत चांदनाथ ने उन्‍हें बालकनाथ कहना शुरू कर दिया। इसी दौरान बालकनाथ की योगी आदित्यनाथ से भी जान-पहचान हुई, क्योंकि योगी भी नाथ संप्रदाय से ही ताल्लुक रखते हैं। वर्तमान में नाथ संप्रदाय में योगी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बालकनाथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

29 जुलाई 2016 को महंत चांदनाथ ने अपना उत्तराधिकारी चुनने हेतु एक समारोह आयोजित किया था, जिसमें योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव ने भी भाग लिया था। इसी समारोह में महंत चांदनाथ ने बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी अर्थात मस्तनाथ पीठ का महंत घोषित किया। इस तरह बालकनाथ मठ के आठवें महंत बने थे। महंत बालक नाथ रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी है।

महन्त बालकनाथ योगी की शिक्षा (Mahant Balaknath Yogi Education)

बाबा बालकनाथ योगी की प्रारंभिक शिक्षा मत्स्येंद्र महाराज आश्रम में हुई ,जहां इन्होंने अपनी 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके साथ ही इनको आध्यात्म एवं धर्म की शिक्षा भी दी गयी। इसके पश्चात बालकनाथ की आगे की शिक्षा महंत चांदनाथ के द्वारा मस्तनाथ मठ में कराई गई। जहां पर उन्होंने अपने गुरु की सेवा सच्चे भाव से की और नाथ संप्रदाय के सभी परंपराओं को उन्होंने सीखा। महंत चांदनाथ के द्वारा बालकनाथ योगी को योग के साथ-साथ राजनीतिक, सामाजिक और व्यावहारिक शिक्षाओं को ज्ञान दिया गया। इसके अलावा मठ के उत्तराधिकारी पद के लिए इन्हें तैयार किया गया।

महंत बालक नाथ योगी की पत्नी, बच्चे (Mahant Balaknath Yogi Wife, Children)

बालकनाथ ने मात्र 6 वर्ष की उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था और आध्यात्म की ओर चलने का फैसला कर कर लिया था। इस प्रकार उन्होनें अपने जीवन में विवाह न करने का निर्णय लिया और आजीवन अविवाहित रहते हुए अपना पूरा जीवन समाज और जनता के कल्याण के लिए समर्पित करने का फैसला लिया था। अतः बालकनाथ के पत्नी एवं बच्चे नहीं है।

बाबा बालकनाथ का राजनीतिक करियर (Mahant Balaknath Yogi Political Career)

साल 2018 में महंत चांदनाथ की मृत्यु हो जाने के बाद बाबा बालकनाथ को उनकी राजनैतिक धरोहर को भी संभालना पड़ा। महंत बालक नाथ का राजनीतिक करियर साल 2019 के लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ जब इन्हें भाजपा ने राजस्थान की अलवर सीट से सांसद का टिकट दिया गया। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह रहा कि महंत चांदनाथ मृत्यु से पहले अलवर के सांसद थे, लेकिन मृत्यु के पश्चात सांसद की सीट पर पुनर्मतदान में बीजेपी ने एक अन्य प्रत्याशी को टिकट देकर खड़ा किया लेकिन वह इस उपचुनाव में हार गए।

इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के द्वारा महंत चांदनाथ के स्थान पर उनके ही वारिस बाबा बालकनाथ योगी को सांसद का टिकट देकर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया था। इसका परिणाम यह हुआ कि बाबा बालकनाथ लगभग 3 लाख से अधिक मतों से जीतकर लोकसभा में पहुंचे। इन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराया। कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी हार देने के बाद महंत बालकनाथ राजनीतिक गलियारों में “बाबा” के नाम से प्रसिद्ध हो गए। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके प्रचार के लिए अलवर का दौरा किया था। पिछले साल जब आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई तो महंत बालकनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे बड़े भाई की जीत है। उनका और हमारा संप्रदाय और पंथ एक ही है।

इसके अलावा राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बाबा का प्रभाव लोगों पर दिखाई दिया। बालकनाथ योगी के नामांकन के दिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी उनके सपोर्ट में पहुंचे। चुनाव सभा में रेलिया के बीच भाषण देने के लिए कई बार बाबा बालकनाथ बुलडोजर पर बैठकर आए। उनका यह अंदाज राजस्थान की जनता को बहुत ज्यादा पसंद आया। परिणाम यह हुआ कि महंत बालकनाथ योगी तिजारा सीट से कांग्रेस के इमरान खान को भारी बहुमत से हराकर विधानसभा का चुनाव जीत गए। जहां पर 38 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी होने के बावजूद भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार इमरान खान को 6,173 वोटों से से हराया है।

राजस्थान के योगी से पहचान

बाबा बालक नाथ को वर्तमान राजनीति के परिपेक्ष्य में “राजस्थान का योगी” भी कहा जाने लगा हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है इनकी भगवा पहनावा और भाषण की शैली उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से काफी मिलती-जुलती है। बाबा बालक नाथ को हिंदुत्व एजेंडे पर आक्रामक रूख और भाजपा के फायर ब्रांड नेताओं में गिना जाता है। अपनी आक्रामक हिंदुत्व रूख एवं फायर ब्रांड वाली छवि के चलते बाबा आम जनता में बहुत प्रसिद्ध है और अक्सर किसी न किसी विवाद को लेकर भी सुर्खियों में बने रहते हैं। ये उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे जब भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लेने के कारण यह नाराज हो गए थे और राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमकाने लगे थे। उस वक्त इन्होंने उस डीएसपी को कहा था कि, “मेरा नाम याद रखना! मेरी सूची में तीन लोग हैं एक तो यहां के विधायक, एक पुराने थानेदार साहब और अब आप भी इस लिस्ट में शामिल हो चुके हैं‌”। इसी प्रकार 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान खान को 6173 वोटो से हराने के बाद इनका दिया गया एक बयान भी काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने कहा था कि “आप लोगों ने इंडिया-पाकिस्तान का मैच देखा है? जिसमें इमरान खान को मैंने हराया है”

महंत बालक नाथ योगी की कुल संपत्ति (Mahant Balaknath Yogi Net Worth)

महंत बालक नाथ की कुल संपत्ति के बारे में कहीं भी स्पष्ट नहीं दिया गया है पर अभी हाल ही में राजस्थान विधानसभा चुनावों में उनके स्वयं के द्वारा दिए गए शपथ पत्र में उल्लेख किया गया है कि उनके पास कुल 45000 रूपये नकद एवं लगभग 13,29,000 रूपये बचत खाते में है।

Mahant Balaknath Social Media Links:

बाबा बालकनाथ से संपर्क करने हेतु उनके समस्त सम्पर्क सूत्र भी हम आपको उपलब्ध करवा रहे है जिसके द्वारा आप सीधे ही उनसे संपर्क कर सकते हैं।


Baba Balaknath Mobile Number9929491894, 9215312333
Baba Balaknath WhatsApp Number9215312333
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Baba Balaknath Websitewww.yogibalaknath.in

 

FAQ:

महंत बालक नाथ योगी (Mahant Balaknath Yogi) वर्तमान में राजस्थान की तिजारा सीट से भाजपा के विधायक है एवं इससे पूर्व राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद थे। बाबा बालकनाथ की छवि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से बहुत हद तक मिलती जुलती है और यही कारण है कि बाबा बालकनाथ की पहचान “राजस्थान के योगी” के रूप में होने लगी है। महंत चांदनाथ ने बालकनाथ को मस्तनाथ पीठ का आठवां महंत घोषित किया था। महंत बालकनाथ रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी है।

बाबा बालकनाथ के बचपन के गुरु महंत खेतानाथ थे जिन्होंने इनको बचपन में गुरमुख नाम दिया था। इसके बाद मस्तनाथ पीठ के महंत चांदनाथ योगी इनके गुरू बने जिन्होंने इनको बालकनाथ नाम दिया था।

बाबा बालकनाथ की उम्र साल 2023 के मुताबिक 39 साल है।

बाबा बालकनाथ योगी का जन्म अलवर (राजस्थान) जिले में बहरोड़ के मोहराणा गांव में 16 अप्रैल 1984 को हिन्दू यादव परिवार में हुआ था।

महंत बालकनाथ योगी के पिता का नाम श्री सुभाष यादव है जो एक सामान्य किसान थे, जबकि माताजी का नाम श्रीमती उर्मिला देवी है जो एक गृहिणी थीं।

बालकनाथ ने मात्र 6 वर्ष की उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था और आध्यात्म की ओर चलने का फैसला कर कर लिया था। इस प्रकार उन्होनें अपने जीवन में विवाह न करने का निर्णय लिया और आजीवन अविवाहित रहते हुए अपना पूरा जीवन समाज और जनता के कल्याण के लिए समर्पित करने का फैसला लिया था। अतः बालकनाथ के पत्नी एवं बच्चे नहीं है।

बाबा बालकनाथ से संपर्क करने हेतु उनके मोबाइल नंबर 9929491894 एवं 9215312333 है और उनका व्हाट्सएप्प नंबर 9215312333 है।

महंत बालक नाथ की कुल संपत्ति उनके स्वयं के द्वारा दिए गए शपथ पत्र में उल्लेख किया गया है कि उनके पास कुल 45000 रूपये नकद एवं लगभग 13,29,000 रूपये बचत खाते में है।

निष्कर्ष

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